त्रिवेणीगंज (सुपौल), बिहार:

अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज परिसर में संचालित दृष्टि फार्मा दवा दुकान पर गंभीर आरोप लगे हैं कि वह न सिर्फ अस्पताल के नियमों की अनदेखी कर रहा है, बल्कि मरीजों की आर्थिक शोषण में भी संलिप्त है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि दुकान संचालक राजेश कुमार चौधरी की मिलीभगत कई आशा कार्यकर्ताओं से है, जिसके चलते विशेष रूप से प्रसूता महिलाओं को महंगे दामों पर दवाएं बेची जाती हैं।

पूर्व में भी यह गोरखधंधा उजागर हो चुका है, लेकिन हर बार कार्रवाई केवल कागज़ों तक ही सीमित रह गई। 26 जुलाई 2023 को अस्पताल के वर्तमान प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. इंद्रदेव यादव द्वारा जारी पत्र (पत्रांक-221) में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया था कि संचालक दबंगई करता है, पत्रकारिता का नाम लेकर अस्पताल की कार्यप्रणाली में हस्तक्षेप करता है और मरीजों को बाहर से दवा लेने के लिए बाध्य करता है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अस्पताल गेट के पास स्थित यह अवैध दुकान एंबुलेंस और स्ट्रेचर की आवाजाही में भी बाधा उत्पन्न करती है, जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजों को भारी परेशानी होती है। गरीब और असहाय प्रसूताओं को इस अव्यवस्था का सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ता है।

इस पूरे मामले को लेकर यह सवाल उठता है कि क्या यह गतिविधियाँ स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत के बिना संभव हैं? अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या प्रशासन इस बार ठोस कार्रवाई करेगा या फिर मामला एक बार फिर फाइलों की धूल में दब जाएगा।

संपर्क करने पर सिविल सर्जन डॉ. ललन ठाकुर ने बताया कि मामले की जांच के लिए ड्रग इंस्पेक्टर (DEO) को निर्देशित किया गया है और दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

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