भागलपुर, बिहार:
बुधवार को भागलपुर के सदर अस्पताल सभागार में मलेरिया और फाइलेरिया संबंधित अद्यतन डाटा को इंट्रीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (आईएचआईपी) पोर्टल पर सटीक और गुणवत्तापूर्ण तरीके से दर्ज करने को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण के दौरान जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ. दीनानाथ ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि मलेरिया और फाइलेरिया मरीजों की सही संख्या और स्थिति को जानने के लिए पोर्टल पर गुणवत्तापूर्ण डाटा इंट्री अत्यंत आवश्यक है, ताकि जरूरतमंदों तक समय पर उपचार और स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाई जा सकें।
डॉ. दीनानाथ ने बताया कि मलेरिया के लिए तीन प्रकार के मामलों की डाटा एंट्री की जाएगी — एक्टिव केस, पैसिव केस और मास सर्वे केस। वहीं, फाइलेरिया के मामलों में नाइट ब्लड सर्वे के तहत एमएफ पॉजिटिव केस, एमडीए अभियान के दौरान कवरेज डाटा और कुल रोगियों की संख्या को पोर्टल पर दर्ज करना होगा।
प्रशिक्षण का संचालन वेक्टर डिज़ीज कंट्रोल ऑफिसर (वीडीसीओ) आरती कुमारी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में रविकांत साह, कृति कुमारी, पीरामल स्वास्थ्य से पीएलसीडी विजय कुमार, सीफार से सीनियर प्रोजेक्ट एसोसिएट जय प्रकाश कुमार सहित जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए वेक्टर बॉर्न डिजीज सुपरवाइज़र (वीबीडीएस), डाटा इंट्री ऑपरेटर और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
वेक्टर डिज़ीज कंट्रोल ऑफिसर रविकांत साह ने प्रशिक्षण के अंत में सभी डाटा एंट्री ऑपरेटर और वीबीडीएस को निर्देशित किया कि जिले में मौजूद सभी फाइलेरिया मरीजों की अद्यतन सूची शीघ्र आईएचआईपी पोर्टल पर दर्ज की जाए, जिससे रोग नियंत्रण प्रयासों को गति मिल सके।