पटना, बिहार
गंगा का जलस्तर खतरे के करीब, सैकड़ों एकड़ फसलें बर्बाद
बिहार में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने पटना समेत नालंदा, जहानाबाद और गया जिलों में बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। पटना के दीघा घाट, गांधी घाट और मोकामा के हाथीदह घाट पर गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और यह खतरे के निशान से महज एक से तीन मीटर नीचे है।
पटना जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम के निर्देश पर जल संसाधन विभाग के अभियंता और संबंधित अंचल अधिकारियों द्वारा विभिन्न प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया। दनियावां के जीवनचक और चकराजा इलाके में महतमाईन नदी पर बने पुराने जमींदारी बांध की मरम्मत शुरू कर दी गई है, जबकि फतुहा में क्षतिग्रस्त तटबंध की मरम्मती कार्य तेजी से चल रही है।
पटना से सटे धनरुआ प्रखंड की स्थिति और भी चिंताजनक है, जहां फल्गु नदी के उफान के कारण कररुआ, भूतही और महताइन नदियों में बाढ़ आ गई है। इससे अरमल से चकरमल के बीच छह जगहों पर इन नदियों का पानी दर्जनों गांवों में घुस चुका है।
आतापुर के पास तटबंध टूट जाने के कारण गांवों में पानी प्रवेश करने लगा, लेकिन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए स्थानीय अंचल अधिकारी (सीओ) ने तत्काल मरम्मती कार्य शुरू करा दिया है।
बाढ़ का पानी बहरामपुर, विजयपुरा, पेड़ा और छाती पंचायत के अमरपुरा, सिमहारी, पिपरामा, नसरतपुर, रसलपुर सहित लगभग दो दर्जन गांवों में फैल चुका है। किसानों ने बताया कि धान की रोपनी दूसरी बार की गई थी, जो अब पूरी तरह से बर्बाद हो गई है।
स्थानीय प्रशासन द्वारा निगरानी जारी है, और राहत व बचाव कार्यों के लिए टीमें सक्रिय कर दी गई हैं।