बेगूसराय में JDU को बड़ा झटका: चार बार के विधायक बोगो सिंह RJD में हुए शामिल, तेजस्वी को बताया अगला मुख्यमंत्री

पटना डेस्क/बेगूसराय: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जदयू को बेगूसराय में एक बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। मटिहानी विधानसभा से चार बार विधायक रह चुके जदयू के पूर्व विधायक नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह ने जदयू का साथ छोड़ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का दामन थाम लिया है। उन्होंने अपने आवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में इस बात की औपचारिक घोषणा की।

प्रेस वार्ता के दौरान बोगो सिंह ने कहा, “हमारा दिल अब पूरी तरह राजद के साथ है। हमारी पहली प्राथमिकता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाना और बेगूसराय की सातों विधानसभा सीटें महागठबंधन को जिताना है।”

उन्होंने आगे कहा कि मटिहानी सीट से चुनाव लड़ना है या नहीं, यह फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा। अपने पुराने दल जदयू और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए बोगो सिंह ने कहा कि 2020 में चुनाव हारने के बाद भी पार्टी ने उनकी कोई सुध नहीं ली। “पांच साल में एक बार भी बात नहीं की गई। अब जनता के बीच जाना और सेवा करना मेरी प्राथमिकता है,” उन्होंने कहा।

राजद में शामिल होने के पीछे की वजहें

बोगो सिंह 2020 के विधानसभा चुनाव में लोजपा प्रत्याशी राजकुमार सिंह से महज 333 वोटों से हार गए थे। इसके बाद राजकुमार सिंह जदयू में शामिल हो गए, और अब मटिहानी सीट से जदयू के संभावित उम्मीदवार माने जा रहे हैं। इसी राजनीतिक समीकरण से नाराज होकर बोगो सिंह ने जदयू से दूरी बना ली थी।

2024 के लोकसभा चुनाव में बोगो सिंह ने महागठबंधन उम्मीदवार के पक्ष में खुलकर प्रचार भी किया था, जिससे उनके दल बदल की अटकलें पहले ही लगाई जा रही थीं।

राजद से मटिहानी के टिकट पर बोगो सिंह?

मटिहानी विधानसभा सीट 2020 में महागठबंधन के तहत सीपीएम के हिस्से में गई थी, और राजद तीसरे स्थान पर रहा था। अब बोगो सिंह के राजद में शामिल होने से इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि 2025 में राजद उन्हें अपना उम्मीदवार बना सकता है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि

बोगो सिंह ने 2005 में पहली बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की थी। उसी वर्ष हुए दोबारा चुनाव में भी उन्होंने निर्दलीय जीत दर्ज की, जदयू ने बाहर से समर्थन दिया था। इसके बाद 2010 और 2015 में उन्होंने जदयू के टिकट पर मटिहानी से जीत दर्ज की। लेकिन 2020 में उन्हें मामूली अंतर से हार का सामना करना पड़ा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *