रिश्वतखोरी मामलों में आदेश की अवमानना पर दो थानेदारों की वेतन रोकने का निर्देश
भागलपुर, बिहार: प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत दर्ज मामलों में आरोपितों को न्यायालय में पेश नहीं करने और गैर-जमानती वारंट का तामिला नहीं कराने पर राज्य के दो थानेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है।
भागलपुर व्यवहार न्यायालय के विशेष निगरानी अदालत (एडीजे-5) के न्यायाधीश ने लखीसराय थाना और कटिहार नगर थाना के थानेदारों को न्यायालय के आदेश की अवमानना का दोषी माना है। इस पर न्यायालय ने दोनों पुलिस जिलों के एसपी को पत्र लिखकर संबंधित थानेदारों का वेतन रोकने का निर्देश दिया है।
न्यायालय के आदेश की अवहेलना पर कार्रवाई
रिश्वतखोरी के दो मामलों की सुनवाई के दौरान विशेष निगरानी अदालत ने आरोपितों के खिलाफ पहले समन, फिर जमानती वारंट और अंत में गैर-जमानती वारंट जारी किया था। बार-बार रिमाइंडर भेजने के बावजूद गैर-जमानती वारंट का तामिला रिपोर्ट न्यायालय को नहीं सौंपी गई।
इसके बाद, अदालत ने लखीसराय और कटिहार नगर थाना के थानेदारों को पत्र लिखकर न्यायालय में सशरीर उपस्थित होने और स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया था। लेकिन दोनों थानेदारों ने न तो रिपोर्ट सौंपी और न ही कोई जवाब दिया।
वेतन रोकने का आदेश
न्यायालय के इस आदेश की अवहेलना को गंभीरता से लेते हुए विशेष निगरानी अदालत ने दोनों थानेदारों के वेतन पर रोक लगाने का निर्णय लिया और इस संबंध में लखीसराय और कटिहार पुलिस जिलों के एसपी को पत्र भी जारी किया है।