औरंगजेब प्रेम' पर बवाल: अबू आज़मी के खिलाफ केस दर्ज, राशिद अल्वी ने किया बचाव

‘औरंगजेब प्रेम’ पर बवाल: अबू आज़मी के खिलाफ केस दर्ज, राशिद अल्वी ने किया बचाव

 

अंग Express News : समाजवादी पार्टी (SP) नेता अबू आसिम आज़मी के औरंगजेब को लेकर दिए गए बयान ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। बीजेपी और हिंदू संगठनों ने उन पर इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने और मुग़ल शासक औरंगजेब का महिमामंडन करने का आरोप लगाया है। इस विवाद के बीच अबू आज़मी के खिलाफ महाराष्ट्र में केस दर्ज कर लिया गया है। वहीं, कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने उनका बचाव करते हुए कहा कि “मुगल शासकों ने मंदिरों को दान भी दिया था।”

क्या कहा था अबू आज़मी ने?

अबू आज़मी ने अपने बयान में औरंगजेब की छवि को सुधारने की कोशिश की और कहा कि “इतिहास को सही तरीके से पढ़ना चाहिए। सिर्फ एक पक्ष को दिखाकर किसी को विलेन बनाना सही नहीं है।” उनके इस बयान के बाद बीजेपी और हिंदू संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई और इसे ‘औरंगजेब प्रेम’ करार दिया।

राशिद अल्वी का बचाव

जब विवाद बढ़ा तो कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने अबू आज़मी का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “इतिहास के पन्नों को देखेंगे तो पाएंगे कि मुग़लों ने सिर्फ हिंदू मंदिरों को नुकसान नहीं पहुंचाया, बल्कि कई मंदिरों को दान भी दिया था।” अल्वी के इस बयान ने आग में घी डालने का काम किया, और अब यह मुद्दा और गरमा गया है।

बीजेपी का पलटवार

बीजेपी नेताओं ने अबू आज़मी और राशिद अल्वी दोनों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि “मुग़ल शासकों के अत्याचारों को छिपाने की कोई जरूरत नहीं है। औरंगजेब को महिमामंडित करना एक सोची-समझी राजनीतिक चाल है, जिसे देश बर्दाश्त नहीं करेगा।”

महाराष्ट्र में केस दर्ज

अबू आज़मी के बयान को लेकर मुंबई और पुणे में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि “उनके बयान की जांच की जा रही है और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”

सोशल मीडिया पर बवाल

इस पूरे विवाद पर #AbuAzmi और #Aurangzeb ट्रेंड कर रहे हैं। कई लोग अबू आज़मी के बयान को ‘इतिहास से छेड़छाड़’ बता रहे हैं, तो कुछ लोग इसे ‘राजनीतिक मुद्दा’ करार दे रहे हैं।

राजनीतिक समीकरण पर असर?

महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार के लिए यह मुद्दा संवेदनशील बन सकता है, क्योंकि राज्य में हिंदुत्व राजनीति पहले से ही तेज हो चुकी है। आने वाले चुनावों में इस विवाद का असर देखने को मिल सकता है।

अब देखना होगा कि अबू आज़मी और राशिद अल्वी के इन बयानों पर सरकार क्या रुख अपनाती है और इस विवाद का राजनीतिक असर कितना गहरा होता है।

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